What's Hot?
Thursday, August 22, 2019

Poem We are Sailor (कविता :- नाविक हम, कवि :- कमलेश कुमार मिश्र)


⛴ नाविक हम

We are Sailor
कविता :- नाविक हम                                                                                                      कवि :- कमलेश कुमार मिश्र

Poem
We are Sailor (नाविक हम)


नाविक हम

                                 देशभक्ति की माला में,
अब मनके नए लगाने
अब सब मिलकर निकल पड़े हैं,
खोए भाग्य जगाने ।। 

जात पात की तोड़ बेड़ियां,
अब हम सब आजाद रहे ।
देश खड़ा है उच्च शिखर पर,
ना कोई अपवाद रहे ।।

आजादी के बाद देश ने,
देखा है जो सपना ।
उस सपने को धारण कर ले,
कर्म यही हो अपना ।।

आपस में हो भाईचारा,
द्वेष कभी ना करना ।
मन में हो संकल्प देशहित,
जीना और है मरना ।।

जिस नाविक ने नाव बनाकर,
जीवन भर संघर्ष किया ।
उसी नाव पर मानवता का,
हम सब ने संकल्प लिया ।।

शांति और अहिंसा रूपी,
नाव बनाने वाले हम ।
अंग्रेजी सागर से इसको,
पार लगाने वाले हम ।।

इसी नाव को देखकर दुनिया,
नतमस्तक हो जाती है ।
इसमें सजा तिरंगा अपना,
लहर लहर लहराती है ।।

                                                          लेखक :- कमलेश कुमार मिश्र
           रीवा म.प्र. 




  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

Please Post your Query and Comments.

Item Reviewed: Poem We are Sailor (कविता :- नाविक हम, कवि :- कमलेश कुमार मिश्र) Rating: 5 Reviewed By: MYSTIC SPOT