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Wednesday, August 21, 2019

Poem Sainik ki abhilasha (कविता :- सैनिक की अभिलाषा, कवि :- कमलेश कुमार मिश्र)



👮 सैनिक की अभिलाषा 👮



कविता :- सैनिक की अभिलाषा                                                                            कवि :- कमलेश कुमार मिश्र
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कविता :- सैनिक की अभिलाषा कमलेश कुमार मिश्र

सैनिक की अभिलाषा


👉हम सैनिक आदर्श देश के,
इससे बड़ा उपहार नहीं ।
हंसते-हंसते फर्ज निभाएं,
हो जीवन बलिदान यही ।।

जीवन का तो सत्य अंत है,
इससे क्यों घबराए हम ।
अपने मातृभूमि के खातिर,
हर पल बढ़ते जाएं हम ।।

चलने वाले कभी न रुकते,
राज सदा ही बन जाती ।
मन में दृढ़ संकल्प अगर हो,
विजय पताका लहराती ।।

अपना फर्ज निभाएंगे हम,
दुश्मन की परवाह नहीं
हम सैनिक आदर्श देश के,
इससे बड़ा उपहार नहीं ।।

धन्य धरा वो पावन जननी,
पुत्र जहां बलिदान करें ।
मानवता के लिए देशहित,
न्योछावर जो प्राण करें ।।

बलिदानी को देश सदा ही,
याद नमन सत बार करें ।
ऐसे निशाॅँँ छोड़ जाएंगे,
जिसका सब गुणगान करें ।।

कितनों ने बलिदान दिए हैं,
और बड़ा कोई दान नहीं ।
हम सैनिक आदर्श देश के,
इससे बड़ा उपहार नहीं ।।

           रीवा म.प्र.

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