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Wednesday, April 17, 2019

प्रशंंसा राजनीति की

प्रशंंसा राजनीति की


जनता का है राज यहां, पर गली गली खुशहाल है ।
ठुकी गरीबों के पैरों पर, प्रजातंत्र की नाल है।
चौराहों पर नेताओं की, दादुर जैसी तान है ।
मेरा देश महान है, मेरा देश महान है ।।⏬

उल्लू यहां प्रकाश बांटते, सूरज का उपहास है।
गहन अंधेरा नैन नैन में, करता यहां निवास है।
चमचों के घर यहां पहुंचता, सरकारी अनुदान है।
मेरा देश महान है, मेरा देश महान है ।।⏬

खद्दर धारी जीव यहां पर, हर प्राणी को खा रहा।
किंतु हिंसा की परिभाषा, माइक पर चिल्ला रहा।
मगरमच्छ का यहां हो रहा, देवों सा सम्मान है।
मेरा देश महान है, मेरा देश महान है ।।⏬

भ्रष्टाचारी बहाना वादा, ओढ़े हैं ईमान का।
बंदूकों की नोक बताती, यहां मूल्य इंसान का।
गाया जाता यहां प्रेम से, जोकों का बलिदान है ।
मेरा देश महान है, मेरा देश महान है ।।⏬

नीर क्षीर का ज्ञान यहां पर, कोऔंं के अधिकार में।
समझे जाते हंस यहां पर, बुद्धू हर व्यापार में।
पृथ्वीराज से बड़ी यहां पर, जयचंदों की शान है।
मेरा देश महान है, मेरा देश महान है ।।⏬

नहीं आ रही किसी दिशा से, सूरज की आवाज है।
यहां अंधेरे के माथे को, मिला अनोखा ताज है।
लगता है तिनके तिनके पर, बिखरी हुई मसान है।
मेरा देश महान है, मेरा देश महान है ।।🔝


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