नमस्ते दोस्तों
सवाल : नर्क या स्वर्ग
की धारणा क्या है ?
जिन लोगों ने खुद
को नर्क बना लिया है, वह हमेशा स्वर्ग
जाने के सपने देखते रहते हैं। अगर यहां बैठे हुए मैं आनंद में हूँ , मगर यह शरीर दुनिया की सबसे जटिल केमिकल
फैक्ट्री है क्या ऐसा है, आप सहमत हैं ? सवाल
बस यह है कि आप इस केमिकल फैक्ट्री के बढ़िया सीईओ हैं या खराब सीईओ , अगर आप एक खराब सीईओ हैं तो आप बुरी केमिस्ट्री
पैदा करेंगे और सोचेंगे कि यह इसके या उसके या उसके कारण है । तो किसी वजह से लोग दुखी महसूस कर रहे हैं उनकी
केमिकल फैक्ट्री उनकी मर्जी के अनुसार नहीं चल रही है वह उसे उदासी कह सकते हैं वह
उसे दुख कह सकते हैं वह से डिप्रेशन कह सकते हैं। जब यह नर्क जैसा महसूस होता है
तो हम उम्मीद करते हैं कि जब हम वहां ऊपर जाएंगे तो वहां सब कुछ
शानदार होगा।
एक बार ऐसा हुआ यह घटना अलाबामा की है आप अमेरिका की अलाबामा स्टेट के बारे में
जानते हैं यह अलग तरह की स्टेट है। बिल्कुल कट्टर
धार्मिक स्टेट तो एक सन्डे स्कूल में सन्डे स्कूल का शिक्षक
जोर-शोर से भाषण दे रहा था । पूरे जोश और पूरी ताकत के साथ और दुर्भाग्य से श्रोता
आप की तरह नहीं थे। वे सब छोटे बच्चे थे यह कम उम्र में पकड़ो की नीति है वह पूरे
जोश में भाषण दे रहा था और बच्चे इस तरह बैठे हुए थे वह अचानक रुका उसने रुक कर
पूछा स्वर्ग जाने के लिए तुम्हें क्या करना होगा। आगे की बेंच पर बैठी नन्ही मेरी
खड़ी हुई और बोली अगर मैं हर रविवार चर्च को फर्श साफ करूंगी तो स्वर्ग चली
जाऊंगी । बिल्कुल सही एक और
नन्ही सी बच्ची बोली अगर मैं अपनी पॉकेट मनी अपने मेरी दोस्त के साथ
साझा करूं तो मैं स्वर्ग चली जाऊंगी । सही कहा एक और लड़के ने कहा अगर मैं जरूरतमंद
लोगों की मदद करूं तो मैं चला जाऊंगा । सही कहा पीछे की बेंच पर
बैठा नन्हा टॉमी खड़ा हुआ और बोला सबसे पहले आप को मारना होगा । तो यही योग्यता है स्वर्ग
जाना है तो आपको मरना होगा ।
जब आप मरते हैं तो आप की परंपरा के अनुसार दफनाएंगे
या जलाएंगे या काटकर पक्षियों के आगे फेंक देंगे हां इनमें से एक
चीज होगी । आप की परंपरा के अनुसार एक चीज साफ है कि आप अपने शरीर को
वापस धरती में डालेंगे और यह बहुत इको फ्रेंडली काम है तो आपने अपना शरीर छोड़
दिया और स्वर्ग चले गए अब
स्वर्ग में क्या है हिंदू स्वर्ग में खाना बहुत अच्छा है अगर आप खाने-पीने के
शौकीन हैं तो आपको हिंदू स्वर्ग में जाना चाहिए । नल खुद आपके लिए खाना पकाएंगे
वह सबसे बढ़िया शेफ हैं अगर आप दूसरी तरह के स्वर्ग में जाएंगे तो
सफेद गाउन वाली महिलाएं बादलों में हर तरफ तैरती रहेंगी अगर आपको
वैसा माहौल पसंद है तो आप वहां जाइए। अगर आप दूसरे स्वर्ग में जाएंगे तो आपको
हूरों वाली समस्या होगी अगर आपको वही
चाहिए तो आप वहां जाइए।
लेकिन आप वहां शरीर छोड़कर गए हैं
मैं पूछ रहा हूं कि आप अच्छे खाने और हूरों का क्या करेंगे हेलो आपके पास शरीर
नहीं है यह सब शरीर की समस्याएं हैं है ना शरीर नहीं है आप खाने का और हूरों का
क्या करेंगे हिंदू जीवन शैली में कहा जाता है कि ऊपर अक्षय पात्र
होता है आप कितना भी खा ले
वह हमेशा खाने से भरा ही रहेगा। हां जब आप शरीर के बिना जाते हैं तो खाने का बर्तन
हमेशा भरा ही रहेगा और हूरे हमेशा कुमारी ही रहेंगी तो हम लंबे समय से क्या करते रहे हैं यह सरल तरीका था आपको पारंपरिक लोगों के मैनेज
करने के तरीकों को समझना चाहिए। यह मानव जाति मानव जाति को मैनेज करने का एक तरीका
था आप दुखी हैं चिंता मत करो जब
तुम वहां जाओगे तो सब अच्छा हो जाएगा। तसल्ली अगर कोई मनोचिकित्सक ऐसा कहे तो ठीक है। लेकिन आपने वाकई में यकीन दिला दिया है कि वहां
सब कुछ बढ़िया होगा। यहां तुम अपनी जिंदगी बिगाड़ लो कोई अच्छी बात नहीं है कोई गहरे दुख में है , चिंता मत करो तुम जाकर उस ईश्वर की गोद में
बैठोगे , तो सब ठीक हो
जाएगा। यह एक मनोवैज्ञानिक उपाय है , यह चलेगा जब लोग भयंकर दुख मे हों मगर इसे ब्रांड बना कर हर जगह मत बेचिए क्योंकि यह इस तरह काम नहीं करेगा। अब लोगों के
दिमाग में स्वर्ग ढह रहे हैं।
दुनिया में शराब और ड्रग्स के सेवन मैं इतनी
बढ़ोतरी इसलिए हो रही है क्योंकि लोग इसे व्यक्त नहीं कर पा रहे लेकिन उनके दिमाग
में स्वर्ग ढह रहे हैं। आप में से कितने लोग सोचते हैं कि एक दिन जब मैं
स्वर्ग जाऊंगा तो सब कुछ शानदार होगा। मुझे यकीन है ज्यादा लोग नहीं होंगे लेकिन
अगर आप पिछली या उसके पिछले कुछ पीढ़ी के बारे में सोचेंगे तो ऐसा सोचने वालों की तादात
काफी थी। तो जाहिर है कि
इंसानी दिमाग में स्वर्ग ढह
रहे हैं क्योंकि अगर आप 3 सवाल पूछे तो तीनों स्वर्ग ढह जाएंगे हां तो जब मानव बुद्धि सक्रिय होती है तो निश्चित रूप से सवाल पूछेगी अगर आप सवाल पूछेंगे
तो यह चीजें ढह जाएंगी। तो लोग यहीं पर सारे विकल्प आजमा रहे हैं वही
सारा नशा कर रहे हैं उन्हें सेहतमंद रहने के लिए केमिकल चाहिए। शांत रहने के लिए
केमिकल्स चाहिए। खुश रहने के लिए केमिकल्स चाहिए। हर चीज के लिए उन्हें केमिकल्स
चाहिए मैं चाहता हूं कि आप इसे जाने ।
अमेरिका की 70% आबादी दवाओं पर निर्भर है। दुनिया का सबसे संपन्न
देश कोई व्यक्ति और समाज संपन्नता क्यों चाहता है पहली चीज है अपना भोजन क्यों
सकते हैं , पोषण के साधन चुन
सकते हैं , दूसरी चीज यह है
कि आप अपनी जीवनशैली चुन सकते हैं , खाने के लिए सबसे अच्छी चीजें आपके सामने हैं , जीवन शैली चुनने के लिए भी कोई विकल्प मौजूद है
और इस समाज में 70% लोग दवाई ले रहे
हैं प्रिसक्राइब्ड की
हुई दवाएं साफ है कि अगर आप
आर्थिक विकास करते हैं इंसानी चेतना को विकसित किए बिना तो हमारी दौलत हमारी सबसे
बड़ी समस्या बन जाएगी। तो हम अभी भी आर्थिक विकास की देहरी पर हैं अभी वह समय है
जब हमें मानव चेतना को विकसित करने के लिए जरूरी चीजें करनी होंगी। अगर चेतना के
स्तर पर विकास नहीं होता तो आप देखेंगे की 90% आबादी केमिकल का इस्तेमाल करने लगेगी जब केमिकल्स
का इस्तेमाल करेंगे मैं नैतिकता की बात नहीं कर रहा हूं अगर 90% इंसानी आबादी लगातार केमिकल्स का इस्तेमाल करेगी
तो हम जो अगली पीढ़ी पैदा करेंगे वह पीढ़ी इससे कहीं कमतर होगी और यह मानवता के
खिलाफ एक अपराध है। आने वाली अगली हर पीढ़ी को हम से कम से कम एक कदम बेहतर होना
चाहिए , अगर हम खुद से कमतर पीढी
पैदा करेंगे तो हमने मानव जाति के खिलाफ किया है, हम मानव जाति को पीछे की ओर ले जा रहे हैं और
केमिकल्स का इस्तेमाल के साथ यही होगा और उसमें तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। चेतना
को बढ़ाने का समय है, इसलिए हमें आपके
साथ हैं कोकीन के बिना
आपके दिमाग को उड़ाने के लिए ।
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